ग्राउंड रिपोर्ट, पंचकूला। पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आयुर्वेदिक क्लिनिक चलाने के गंभीर मामले में कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान डॉ. कृष्ण कुमार और डॉ. वीरेन्द्र कुमार के रूप में हुई है, जो मूल रूप से पानीपत के निवासी हैं। दोनों आरोपियों को पुलिस ने 5 जुलाई को गिरफ्तार किया और 6 जुलाई को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। रिमांड के बाद अब उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह मामला वर्ष 2022 में भारतीय चिकित्सा परिषद, सेक्टर-3 पंचकूला की शिकायत पर सेक्टर-5 थाना में दर्ज किया गया था। पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों आरोपियों ने बिहार के पटना स्थित राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा संस्थान से अनुभव के आधार पर फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करवाए थे और उन्हीं के सहारे पानीपत के समालखा में आयुर्वेदिक क्लिनिक चला रहे थे। जबकि हरियाणा में उक्त संस्थान से प्राप्त प्रमाण पत्र वैध नहीं माने जाते। आरोपियों ने हरियाणा में प्रमाण पत्र का माइग्रेशन व रिन्यूवल अपने परिचित चन्द्र भूषण चौधरी (जिला अंबाला) की मदद से करवाया था, लेकिन संबंधित रिकॉर्ड भारतीय चिकित्सा परिषद के पास मौजूद नहीं था। इससे पूरे मामले पर शक गहराया। सेक्टर-21 पुलिस चौकी के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर दीदार सिंह और जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर राज कुमार की टीम ने मामले की गहन जांच के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में फर्जी डिग्रियों की फोटोकॉपी भी बरामद की गई है। पुलिस के अनुसार, पूछताछ में यह भी सामने आया है कि इसी तरह की फर्जी डिग्रियों के जरिए कई अन्य लोग भी क्लिनिक चला रहे हैं। पुलिस अब अन्य ऐसे व्यक्तियों की पहचान में जुटी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
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